है तमन्ना मेरे दिल की बाबा यही,
बस यूँ ही तेरा दीदार करता रहूं,
मेरी नज़रें तुम्हारी नज़र से मिले,
श्याम प्यारे तुझे प्यार करता रहूं....
जितना देखूं तुझे दिल ये भरता नहीं,
देखता ही रहूं दिल करता यही,
बैठ कर तेरी तस्वीर के सामने,
अपनी चाहत का इज़हार करता रहूं.....
अपने हाहों से श्याम सजाऊँ तुझे,
बागा पचरंगा मैं पहनाऊं तुझे,
तोड़ कर फूल लाऊँ गुलशन से मैं,
तेरा फूलों से श्रृंगार करता रहूं....
मुस्कराहट तेरी शोख चंचल अदा,
तेरी मुरली की धुन पे हुआ मैं फ़िदा,
गर ये चाहत गलत है कुंदन रहे,
मैं ये गुस्ताखी हर बार करता रहूं.....