जादू कर गयो भगता पे जादू कर गयो,
खाटू वालो शाम धनि भगता पे जादू कर गयो,
रंगरंगीला शेनशाबिलो श्याम धनि है महारो,
तीन बाण काँधे पे सोहे हारे को है सहारो,
नीले वालो श्याम धनि भगता पे जादू कर गयो,
चांदी के आसान पे बैठे मंद मंद मुस्कावे,
फुला रो शृंगार श्याम को मन्द्रो घने लुभावे,
मतवालों श्याम धनि भगता पे जादू कर गयो,
खाटू नगरी माहि नरशी बरसे हीरा मोती,
जो भी दर्शन करने आवे ईशा पुरण होती,
रखवालो श्याम धनि भगता पे जादू कर गयो,