तेरे चरणों में जब शीश जुका,
मेरा रोम रोम हर्षाया,
हे प्रभु जिस दिन इन आँखों ने तेरी इक झलक बस पाया,
मेरा मन खोया तेरी गलियों में,
तन खो गया यु बरसाना,
प्रभु मुझे छोड़ नहीं जाना,
एह श्याम तेरी मैं विरहन हु,
भटकु तुझ बिन मैं वन वन हु,
आशा के भुजते दीपक को तुम रोशन कर जाना,
प्रभु मुझे छोड़ नहीं जाना,
मैं जन्म जन्म की प्यासी हु,
मीरा जैसी तेरी दासी हु,
मैं बन बैठी जोगन तेरी,
प्रभु मुझको भी अपनाना,
प्रभु मुझे छोड़ नहीं जाना,
तू तो करुणा का सागर है,
रीता हिरदये का गागर है,
नैनो को दर्शन देकर के,
हिरदये की प्यास बुझाना
माँ के जैकारे बड़े प्यारे लगते