सावन की बरसे बदरिया कान्हा की बाजे मुरलिया,
बाजे मुरलिया बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया.....
ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे,
संग सखी सत्यभामा भी नाचे,
राधा की बाजे पायलिया कान्हा की बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया.....
रास रचो जमुना के तट पर,
धूम मची है बंसीवट पर,
तन मन की ना ही खबरिया कान्हा की बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया....
रसिया रस बरसाते रहना,
अपना रंग चढ़ाते रहना,
छूटे ना सारी उमरिया कान्हा की बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया.....
ऐसा रंग चढ़ा मेरे मोहन,
मीरा बन गई तेरी जोगन,
नाचे गली और मढैया कान्हा की बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया.....
नाचत नाचत हुई दीवानी,
अमर हो गई प्रेम कहानी,
याद करेगी यह दुनिया कान्हा की बाजे मुरलिया,
सावन की बरसे बदरिया.....