बावलिया बाबा भजन (चिड़ावा)
तर्ज : धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले
ड ड ड ड बोलतो कमाल करग्यो
बावळीयो म्हाने मालामाल करग्यो
गांव चिड़ावो पूजा दियो
और कई बिड़ला यो बणा दियो
1.. देवी माँ का परम उपासक हो
शिवजी की नगरी का वासक हो
विदवान थे..
गुणवान थे..
सोई तकदीर जगा दियो
हंडिया से माल लूटा दियो
2.. के ब्राम्हण के सेवक के बणिया
मौज करै बाबा ने पूजणीया
दिलदार बडा..
खावै दाळ बड़ा..
रोग्यां का रोग मिटा दियो
मूरख ने ज्ञानी बणा दियो
3.. अम्बरीष कहवै पंडित जी दात्तार
थारै भग्तां को सुखी रहवै परिवार
नीला वस्त्र है..
लाठी शस्त्र है..
थारो उत्सव म्हे करता रहवां
ई लायक म्हानै बणा दियो