विषयों से मोड़ के मुखड़ा विषियो से,,
हरि नाम की ओढ़ दुसाल, समय ना व्यर्थ गवा,
अब चलना छोड़ कुचाल, समय ना व्यर्थ गवा।।
बीती जाए तेरी उमरिया जाए ढलती ये जवानियां,
जो करना है आज करो, कल पे ना विश्वास करो,
कब हो जाए जीवन की शाम हांये ये शाम,
तेरे ऊपर मंडराए काल,समय ना व्यर्थ गवा,
अब चलना छोड़ कुचाल.....
तीन राहों का जीवन तेरा चौथी राह तेरी शमशान है,
पहली राह बचपन की गई, दुजी राह यौवन की चली,
तीजी राह में जप हरि नाम हाए ये नाम,
बीते दिन महीने और साल, समय ना व्यर्थ गवा,
अब चलना छोड़ कुचाल.....