बरसो से यो दिन आयो हिवड़े में हित समायो ठाकुर पधारिया म्हारे अंगना,
मोर मुकट पे थारे सोवे के लंगी जी,
भेद घुमेरो भागो आवा सतरंगी जी,
सेवक आ चवर ढुलावे सगळा मिल महिमा गावे साज सुरीला बाजे बाज न,
बरसो से यो दिन आयो हिवड़े में हित समायो ठाकुर पधारिया म्हारे अंगना,
थारे गले में सुहवे हार हजारी जी,
फुला का गजरा झा की शोभा है भारी जी,
इतर की बरखा हॉवे झांकी से को मन मोहे,
नर नारी आया म्हारे बारना,
बरसो से यो दिन आयो हिवड़े में हित समायो ठाकुर पधारिया म्हारे अंगना,
ऊचे आसान पे बाबा श्याम विराजे जी,
काना में सोहना सोहन कुंडलियां साजे जी,
भगता सु प्रीत लगाई अर्जी की करे सुनाई,
हर्ष पधारेया माहरे पावना,
बरसो से यो दिन आयो हिवड़े में हित समायो ठाकुर पधारिया म्हारे अंगना,