मेरे श्याम ने खजाना खुशियों से भर दिया है
दामन में न समाई इतना मुझे दिया है
मैंने जो माँगा वो सब मिल गया,
उजड़ा चमन मेरा फिर खिल गया
सुख में कटेगा जीवन तन मन निखर गया है
मेरे श्याम ने खजाना खुशियों से भर दिया है
सची लगन से तू कर ध्यान ले
दिल की नजर से तू पहचान ले
करते है पूरी चाहना जो भी उदल गया है
मेरे श्याम ने खजाना खुशियों से भर दिया है
फूटी हु किस्मत को ये जोड़ते
जिनको ये पकड़े नही छोड़ ते
जिस ने भी इनको ध्याया भव सिन्धु से तर गया है
मेरे श्याम ने खजाना खुशियों से भर दिया है
जांगीर कैलाश कितने प्यारे है ये हारे के सचे सहारे है ये
मनीषा के दिल से कर्जा सारा उतर गया है
मेरे श्याम ने खजाना खुशियों से भर दिया है