खाटू की गलियों में घुमे

खाटू की गलियों में घुमे सांवलियो सरकार
ग्यारस के कीर्तन में जागे बाबो सारी रात
पी का काम बनावे है
सांचे मन से जो बाबा ने भजन सुनावे है,

जो जो ग्यारस बीती जावे खाटू नगरी सजती जावे
श्याम भगत के इक दो जैसे हॉवे मुलाक़ात,
ग्यारस के कीर्तन में जागे बाबो सारी रात

कीर्तन में जो भी रम जावे दुखडा सगला ही कट जावे,
कौन जाने के पर हो जावे किरपा की बरसात
ग्यारस के कीर्तन में जागे बाबो सारी रात

मंगला में सब मंगल हॉवे,
पाछा जाता सगला रोवे
घडी जुदाई के जद आवे मंनडो हॉवे उदास
लाड़ो बोले सागे चालो गाल गले में बात,

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