कृपालु श्री श्याम सूंदर,
किरपालु किरपा की बरसात करदे,
इनके हिरदये में प्रेम भरा है,
भगवन सब से प्रेम है करते,
कौन है अपना कौन बेगाना,
कौन है वैरी कौन दीवाना,
इन के लिए सब इक बरोबर,
भगवान किसी में भेद न करते,
कृपालु श्री श्याम सूंदर,
कोई कहे गिरधर कोई मुरलीधर,
कोई कहे छलिया कोई कहे नटवर,
किसी नाम से भी इनको पुकारो,
प्रेम की भाषा भगवन समझते,
राधा तो इनके दिल में समाई,
कर के भगत सोइ मीरा ने पाई,
नंदू भगत के भाव समज कर,
भगतो के बक्शण दूर न रहते,