तर्ज – भोला नहीं माने रे
कान्हा नहीं माने रे नहीं माने,
मचल रहे चंदा को,
समझा रही है मात यशोदा,
समझा रही है मात यशोदा,
नन्द बाबा लगे है समझाने,
मचल रहे चंदा को,
कान्हा नही माने रे नही माने,
मचल रहे चंदा को।।
कहे मैया से रो रो के,
चंदा मामा ही मै लूँगा,
ले लो सारे खिलोने मेरे,
मै तो चंदा से खेलूँगा,
वो तो अपनी ही जिद है ठाने रे,
मचल रहे चंदा को,
कान्हा नही माने रे नही माने,
मचल रहे चंदा को।।
मैया बोली कन्हैया से,
लाला माखन जरा खा ले,
मैया झटकी कन्हैया ने,
माखन मटकी गिरा डाली,
सारी दुनिया बाल हट जाने रे,
मचल रहे चंदा को,
कान्हा नही माने रे नही माने,
मचल रहे चंदा को।।
लेके पानी भरी थाली,
देखो माता यशोदा आई,
अरे मान गये कान्हा,
देख चंदा की परछाई,
‘शिवरंजनी’ लगी है मुस्काने,
मचल रहे चंदा को,
कान्हा नहीं माने रे नहीं माने,
मचल रहे चंदा को,
समझा रही है मात यशोदा,
समझा रही है मात यशोदा,
नन्द बाबा लगे है समझाने,
मचल रहे चंदा को,
कान्हा नही माने रे नही माने,
मचल रहे चंदा को............