चलो मन वृंदावन की और

चलो मन वृंदावन की और
प्रेम का रस याहा छलके है,
कृष्ण नाम से भोर,
चलो मन वृंदावन की और

भगती की रीत याहा पल पल है प्रेम प्रीती की डोर,
राधे राधे जपते जपते दिख जाए चितचोर,
चलो मन वृंदावन की और

वन उपवन में कृष्ण की छाया शीतल मन हो जाए,
मन भी हो जाए यती पावन कृष्ण किरपा जो पाए,
दास नारायण शरण तुम्हारी किरपा करो इस और
चलो मन वृंदावन की और
श्रेणी
download bhajan lyrics (733 downloads)