दादी बताओ यही लिखा है क्या मेरी तकदीर में,
मुझे दिखाई दोगे क्या केवल अपनी तस्वीर में,
तस्वीर से बहार आओ ना अपनी इक झलक दिखाओ न,
गले से लगा लो मुझे मावड़ी
जब जब भी देखी मैंने दादी तुम्हारी सूरत है,
बढ़ ती जाए दिल में मेरे तुम से मिलने की चाहत है ,
मेरे दिल की प्यास बजाओ न,
इक बार करीब आ जाओ न
गले से लगा लो मुझे मावड़ी
यु तो सपने में मेरा तुमसे मिलना हो जाता है,
पर सपना तो सपना है टूटे तो दिल गबराता
सपने को सच कर जाओ न मेरे सिर पे हाथ फिराओ ना,
गले से लगा लो मुझे मावड़ी
दादी अपने बेटे को तुम इतना तो अधिकार दो,
सोनू तुम को कुल देवी मुझे दर्शन तुम इक वार दो,
बचो को यु तरसाओ ना जरा प्रीत की रीत निभाओ न,
गले से लगा लो मुझे मावड़ी