थे तो आया जम्भेश्वर आया, भगता रे मन भाया जी,
म्हे तो थाने मनावण आया,राखो छत्र वाली छाया जी,
गुरू जी थाने मनावण आया
देवा ऊचे आसन बेवो- देवा ऊचे आसन बेवो,
थे तो दुनियां ने दर्शन देवो जी गुरू जी थाने
थे तो समराथल पर आए-देवा समराथल पर आए।
उन्नतीस नियम बतलाए जी गुरू जी थाने
थे तो उमा ने भांत भरायो,देवा उमा ने भांत भरायो
रोटु मे बीरो गवायो जी गुरू जी थाने
थारी जग मे महिमा भारी,गुरू जी जग मे महिमा भारी।
थाने पूजे नर ओर नारी जी गुरू जी
थारो सदानन्द यस गावे-स्वामी सदानन्द यस गावे।
थारे चरणा मे शीश निवावे जी गुरू जी थाने
रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M. 9460282429