टूट गया जग से भरोसा खुद से ही मैं हारा श्याम,
आस बचे बस केवल तेरी हारे का तू सहारा श्याम,
टूट गया जग से भरोसा खुद से ही मैं हारा श्याम,
झूठ की गठरी दुनिया सारी मतलब की है केवल यारी,
रिश्ते नाते आँख चुराते समज न पाया दुनिया दारी,
ठोकर खाया दर दर भटका घर घर सब को पुकारा श्याम,
टूट गया जग से भरोसा खुद से ही मैं हारा श्याम,
अपनी दया और अपनी नजर करदो मुझपर पल भर,
सुन कर आया द्वार तुम्हारे रखते हो तुम सब की खबर,
तेरा जलवा जानू मैं भी थाम लो हाथ हमारा श्याम,
टूट गया जग से भरोसा खुद से ही मैं हारा श्याम,
तेरे मेरे बीच में दुरी क्यों है ऐसी क्या मज़बूरी,
आन पड़ी अब तेरी जरुरत तेरा कर्म है बहुत जरुरी,
आया मैं भी शरण तुम्हारे देदो अपना सहारा श्याम,
टूट गया जग से भरोसा खुद से ही मैं हारा श्याम,