अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले,
प्यारे मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
ब्रह्मा भी तरसे विष्णु भी तरसे,
तरसे है शंकर प्यारे मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
रामा भी तरसे लक्ष्मण भी तरसे,
तरसे है हनुमत प्यारे मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
गंगा भी तरसे जमुना भी तरसे,
तरसे है नदिया नाले मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
चंदा भी तरसे सूरज भी तरसे,
तरसे है नो लखा तारे मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
गैया भी तरसे बछड़ा भी तरसे,
तरसे है ग्वाला बिचारे मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....
ऋषि मुनि और संत भी तरसे,
तरसे है भक्त विचारे मुरलिया वाले,
अब तुम रथ को रोको मुरलिया वाले.....