बाबा थारे रूप के आगे माहने चंदा फीका लागे,
श्याम रूप थारो दिल में समा गयो,
शीश मुकट की छटा निराली मोर पंख लहरावे जी,
काना कुण्डल लट नागन सी लम्बो तिलक लगावे से
फूल खिले जोवन उपवन में जद बाबो मुश्कावे जी,
थारी अखियां जादू गारी मोटी मोटी कारी कारी,
श्याम रूप थारो दिल में समा गयो,
सतरंगी बागा पर बाबा आसमान का तारा जी,
कर कमला पर बंसी थारे गल बैजयंति माला जी,
बन ठन बैठा ाइयाँ बाबा लागो प्यारा प्यारा जी,
गोलू नजरे उतरे थारी थापे जावे बारी वारि
श्याम रूप थारो दिल में समा गयो,