भूल न मुझको जाना बाबा हु तेरा ही नौकर मैं,
जो देते तुम तन को उसमे जीता हु खुश हो कर मैं,
भूल न मुझको जाना बाबा हु तेरा ही नौकर मैं,
किसी के आगे शीश झुके न दर पे भुलाते ही रहना,
मुझ नालायक दीन हीं पे दया लुटाते ही रहना,
जाने अनजाने के सारे पाप भुलाते ही रहना,
रो रो कर के जीवन काटा मैंने दुःख की ठोकर में,
जो देते तुम तन को उसमे जीता हु खुश हो कर मैं,
तेरे जैसा मालिक पाके किस्मत पे मैं इतराऊ,
मुझे दिया औकात से जयदा दुनिया को मैं बतलाऊ,
तेरे दर को छोड़ के बाबा और बता मैं कहा जाऊ,
चरणामित पीयू गा तेरे चरणों को नित धो कर मैं.
जो देते तुम तन को उसमे जीता हु खुश हो कर मैं,
जन्म जन्म तेरा ऋणी रहुगा जो संजी मेरी मज़बूरी,
शिकवा गिला नहीं है मुझको क्या देते हो मजदूरी,
हो जाती है इतने में ही मेरी जरूरत सब पूरी,
कहे अनाड़ी सांवरियां को गाना दिया दारोहर में,
जो देते तुम तन को उसमे जीता हु खुश हो कर मैं,