आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया
दर्श दिखाने भक्तों को,
वो लीले चढ़ कर आया,
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया।
आएगा जब शीश का दानी,
भक्तों क्या वर मांगोगे,
धन दौलत और बंगला गाडी,
फिर या खुशियां मांगोगे
खाली नहीं वो लौटा दर से,
जिसने शीश झुकाया
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया।
तीन बाणधारी की कला का,
जग में कोई ना सांई है
सब कुछ वर दिया गिरधर,
पर ऐसा कोई ना दानी है
हारे का सहारा बाबा,
क्या क्या खेल रचाया
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया।
रूप श्याम का इतना,
सुन्दर भक्तों ने सजाया है
छप्पन भोग और फूलों से,
मनमोहक भवन सजायाहै
बावा और नरेश के,
दर्शन सब कुछ पाया
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया।
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया
दर्श दिखाने भक्तों को,
वो लीले चढ़ कर आया,
आया जी आया,
मेरा खाटूवाला आया।