फागणियो आग्यो जी चालो जी चालां श्याम के
फागणियो आग्यो जी मानरे भा गियो जी,
चालो जी चालो श्याम के,
सबसो पहला टिकट कट वा लो भीड़ मोगली हो सी,
टाबरिया ने साथ राख के खो जावे तो रोसी,
ढका मुकी देख के भाया मत घबरइयो मीठा मीठा भजन सुना कर आगे बढता जाइयो,
फागणियो आग्यो जी......
श्याम बगीची गुरुवालो सिंह बेठ्या ध्यान लगाया,
रंग बिरंगे फुलाना से बाबा को खूब सजाया,
सारा खाटू महके भाया इतर की खुशबू से,
प्रेमी चलो नैना लड़ा लो खाटू श्याम प्रबु से,
फागणियो आग्यो जी......
अमृत जो जल श्याम कुंद को भाया दुबकी लगले,
खीर चुरमो भोग लगा के ग्यारस रात जगा ले,
परस में मंदिर में जा कर भया भोग लगा लो,
भोग लगा के श्याम धनि से मन चाहा फल पावो,
फागणियो आग्यो जी......
होली के दिन सांवरिया भगता के रंग लगवाए,
लगे अखाडा अन्गननी में सबने नाच नचावे,
और धनि बाता में लेकी देखियाँ समज न आवे,
बीनू जितना देख चुके है भगता ने बतलावे,
फागणियो आग्यो जी......