करके आजा मैया शेर की सवारी,
तेरे दर से दुखी दुनिया भटके से सारी,
करके आजा मैया शेर की सवारी,
धना पाप का घत में फेला हर मानस हो गया मैला,
कैसे जीवन जीयु मेरी बात समज न आई,
करके आजा मैया शेर की सवारी,
आज नफरत भरी हर दिल में साथी बनता न कोई मुश्किल में ,
सभी निर्धन तेरी कर्रे जुलम बहुत ही भारी,
करके आजा मैया शेर की सवारी,
लेके अवतार फिर से तू आजा गंधे सागर को निर्मल बना जा,
मैया विनती सुनो के ऍम पे गुजर हमारी,
करके आजा मैया शेर की सवारी,