भजन : भक्ति का जब वो सावन होगा
भक्ती का जब वो सावन होगा ।
तब तेरा तन-मन पावन होगा ।।
भक्ती करने में ही तेरा जीवन होगा ।।
तब तेरा....
जग के माया-मोह सब,
तुझको खूब फँसायेंगे ।
इनसे नहीं बचोगे तो ये,
अन्त में खूब रुलायेंगे ।।
माया से हटकर जीवन होगा।।
तब तेरा....
धन के फेरे में न पड़कर,
धर्म को खूब कमाओगे ।
जग के अच्छे कर्मों को कर,
भव से तुम तर जाओगे ।।
प्रभु का भजन मनभावन होगा।।
तब तेरा....
सदाचार को अपनाकरके,
जीवन धन्य बनाओगे ।
तभी कान्त निश्चित ईश्वर को,
एक दिन तुम पा जाओगे ।।
जब तेरे बस में, ये मन होगा ।।
तब तेरा....
रचना : दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज
स्वर : गायत्री