चोरी दूध दही मखन दी करदा नन्दलाल फड़्या गया,
फड़्या गया नि फड़्या गया नन्द दा लाला फड़्या गया,
चोरी चोरी घर गोपिया दे वड दा नन्दलाल फडया गया,
निका हुँदा गोपियाँ दे घर चला जंदा सी,
मुरली वजांदा नाले रास रचांदा सी,
नि स्वाद लै लै माखन खावे नाले भेत ले आवे उस घर दा,
नन्द दा लाला फड़्या गया..........
ताने मेहने मार दिल गोपियाँ ने साडेया,
कई वार मारेया ते कई वारि तारेया,
ताने मेहने मार कूट दी ओह ता जरा भी नहीं परवाह करदा,
नन्द दा लाला फड़्या गया,
राधा नाल गोपिया ने लाया नाका गांव दा,
फड़ लिया चोर सिर मोर श्याम संवारा,
नि पूछ गिछ कीतियां गोपियाँ,
पहला न नुकर रहा करदा,
नन्द दा लाला फड़्या गया,
मधुप हरी नु जद गोपियाँ डराया सी,
नटखट छलिया जरा न गबराया सी,
नि हस हस केहन लगा मैं ता बाल लीला सी पेया करदा,
नन्द दा लाला फड़्या गया,