अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,
कुछ और न मैं चाहू मुझे चरणों की दासी बना ले,
अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,
बंधन कुछ एसा बंध जाए,
जन्मो जन्मो तक टूटे नही,
देह्लील तेरी सतगुरु प्यारे सदियों सदियों तक टूटे नही,
चाहू मैं दया इतनी मुझे तू शरण में अपनी वसा ले,
अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,
दुनिया की सभी खुशिया क्या है,
सब धोखा है सब माया है,
इक सपना है चलता फिरता,
जिसने सब को भरमाया है,
सच की सुरत दिखला,
सभी माया के परदे हटा ले,
अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,
नाकाम उमीदो पर दाता अपनी रहमत की मोहर लगा,
फरयाद यही विनती है यही शरणागत की दोषों को बुला,
मर जायेगे जीते जी,
हमे दामन में अपने छुपा ले,
अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,
सागर में कोई नैया जैसे कुछ एसीही अपनी कहानी है,
साहिल दीखता नही दूर तलक हर तलक जो बनता पानी है,
हमने जीवन नैया को साईं कर दी तेरे हवाले,
अरदास यही साईं मुझे सेवा में अपनी लगा ले,