पगला मन तो बोले जय साई राम जय साई राम,
अपने आप बने देखो बिगड़े काम देखो बिगड़े काम,
दरबार पे तेरे हर द्वार पे तेरे किरपा की बारिश बरसे,
हर सांस पे तेरा ही नाम शिरडी वाले जय साई राम,
पगला मन तो बोले जय साई राम जय साई राम,
फूल चादर का भेट चढ़ा है,
भगतो की दर्द उस में जुड़ा है,
खुशिया भर दे बिन मांगे तू साई,
भूखे को तू निवाला खिला दे पिता के रूप में चले आये,
आंसू को मोती करदे अंतर यामी ,
वरदान ये देदे तेरे पास हमे रखले,
जन्म मरण तुझसे,
हर सांस पे तेरा ही नाम शिरडी वाले जय साई राम,
पगला मन तो बोले जय साई राम जय साई राम,
मानव गाडी का भेद न जाने दया प्रेमी तू दोनों को देता,
कैसा हिरदये तेरा मेरे साई,
सरे कष्टों को सिर पे सजा के पहना है तूने पगड़ी बना के,
खुद झेलता है सारी दुःख पीड़ा,
दुनिया की हर काय हर युग में तू आया,
लीला है तेरी महान,
हर सांस पे तेरा ही नाम शिरडी वाले जय साई राम,
पगला मन तो बोले जय साई राम जय साई राम,