साई तुझे दिल की सुनाऊ मैं सदा तेरा दास काहू मैं,
सदा तेरे संग रहना चाहु मैं,
तेरे बिन चैन न पाउ मैं,
कैसे इस दिल को समजाउ मैं,
सदा तेरे संग रहना चाहु मैं,
साई मुझे चरणों की धूल बना,
चाहे मुझे प्यारा कोई फूल बना,
कभी तेरी गोद में आ जाऊ,
कभी दू मैं बाबा तेरी पालकी सजा ,
माला बन गले लग जाऊ मैं,
सदा तेरे संग रहना चाहु मैं,
दिल करे लकड़ी मैं बन जाऊ बन पादुका चरणों में आउ,
दवारका माई में जा कर मैं तेरे हाथो में ही मुक्ति पाउ,
ुधि बन के सब के काम आउ मैं ,
सदा तेरे संग रहना चाहु मैं,
बाती दीपक की बना दे मुझे शिरडी में अपनी सजा दे मुझे,
बसरा भी बन जाए नौकर तेरा करू क्या ये साई समजा दे मुझे,
तुझपे ही वारि वारि जाऊ मैं,
सदा तेरे संग रहना चाहु मैं,