नीले पे बाबो सोहे मनड़ो भगता रो मोहे

नीले पे बाबो सोहे मनड़ो भगता रो मोहे,
ऐसो सजो है दरबार लेवु मैं नजर उतार,

केसरियां भागो ऊपर हार गुलाभी प्यारो,
माथे मुकट मनिया को कानो में कुंडल न्यारो,
केसर को तिलक लगे है बाबो म्हारो खूब सजो है,
ऐसो सजो है सरकार लेवु मैं नजर उतार,

भगता ने दियो बुलावो सांवरियो मिलने आयो,
खुल सी भण्डार रा ताला माल लुटावन आयो
लेवेगा बैठ के आगे दुखड़ा मिंटा में भागे,
झोली भरदी जो सरकार लेवु मैं नजर उतार,

ढोल नगाड़ा बाजे बाबा के दरबार के आगे,
भजना सु बाबा रिजे कह दीजियो सब ने जाके,
महिमा है इनकी न्यारी पूजे है दुनिया सारी,
सांवरिया सु मन प्यार लेवु मैं नजर उतार,

कह दे जो अपनी मन की बाबो सुनेगी सब की,
हारे को साथी बाबो कलयुग को देव निरालो,
कर्मा का लेख बदल दे काया कंचन सी करदे
चेतन यो साँचा आधार,लेवु मैं नजर उतार,
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