आयी शरद पूनम की रात
मधुबन में आज रच्यो महारास
चारों दिशाओं में मुरली की तान,
गोपियों के संग नाचे राधे का श्याम ।
धरती गगन झूमे होके मगन,
गूंजन में छाया है प्रेम का रंग ।
करे चंदा की किरणे प्रकाश,
मधुबन में आज रच्यो महारास...
यमुना के लहरों में कैसा है शोर,
ले गया मन मेरा हाय चितचोर ।
चरणों की दासी बावरिया हुई,
मैं तो बस तेरी सांवरिया हुई ।
रख ले मुझको तू चरणों के पास
मधुबन में आज रच्यो महारास...
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता - सौरभ मधुकर
संपर्क - 9831258090