बरसाने ना जाऊ तो जी गबराते है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है
सोना और चांदी हम न भाये जो कुछ भी है अपना तुझपे लुटाये,
आखिरी तमना बस ये है हमारी जीना और मरणा चौकठ पे तुम्हारी,
तेरे दर्शन को दिल मेरा भागा आता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है
फूलो से सजता है दर ये तुम्हरा सेवा करता तेरी इक ग्वाला,
चरणों में बैठा ब्रह्माण्ड सारा जो भी कोई आता खाली न जाता,
खुशियों से झोली हर कोई भर ले जाता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है
तेरी ये रेहमत तब से मिली है,
जब से तेरी चौकठ हम ने मली है,
तेरी ये किरपा हम पे रहे यु तेरे ही दर पर आते रहे यु,
तेरे बिना राहुल को कोई और न भाता है,
आके तेरे बरसाने हमको चैन आता है