हरि है कैसा

हरि है कैसा मैं ना जानू
मैं तो जानू प्रीतम मेरा
मैं तो हारी कान्हा
तू है मेरा
कान्हा कान्हा,,,,,

कान्हा तेरी याद में जीवन गुजर ये जाए
जिस दिन भूलूं श्याम तो
ये दम निकल ही जाए रे
वो दिन कभी ना आए,
कान्हा कान्हा,,,

मेरे साथ साथ रहना बनके चाह तू
मंजिल से पहले मिलना
बन के राह तू
बड़ी दूर है डगरिया खो जाऊं ना सांवरिया
ले लो मेरी खबरिया
हो जाऊं ना बांवरिया
अपनी शरण में लेना
देना तार तुम
कान्हा कान्हा,,

मुझसे न रखना कोई भी उम्मीद तुम
मैं तो नहीं हूं प्रेमी देना प्रेम तुम
माया तेरी निराली जिसने किया है खाली
आनंद है सवाली
भर दो मेरी भी प्याली
माथे पे मेरे लिखना भक्ति श्याम तुम,,
कान्हा कान्हा,,
हरि है कैसा मैं ना जानू,,,,,,,,,, मेरा


धुन,,,  सैंया सैंया,,
बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा बिलासपुर छग
7000 492179
श्रेणी
download bhajan lyrics (534 downloads)