खाटू श्याम ने किया कमाल,
गल गी इस गरीब की दाल,
खाटू श्याम ने किया कमाल,
गल गी इस गरीब की दाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल,
गल गी इस गरीब की दाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल…….
मांगी थी दो चार पेटियां,
भेज दिए दस खोके,
है मजाल किस की,
जो म्हारी गाड़ी ने यूं रोके,
खाटू जाऊं मैं हर साल,
बाजे खुशियों की खड़ताल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल,
गल गी इस गरीब की दाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया………
रंग लिया मेरे श्याम ने मुझको,
अपने प्रेम के रंग में,
श्याम भजन से चढ़े सवेरा,
शाम ढले सत्संग में,
मेरा बाबा दीनदयाल,
सुन लिया मेरे दिल का हाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल,
गलगी इस गरीब की दाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल……
नगर सेठ की मिली उपाधि,
दूर हुई कंगाली,
खाटू वाले की कृपा से,
अब है रोज दिवाली,
कट गया कड़की का जंजाल,
सारा कुनबा है खुशहाल,
बरसे हर साइड से माल,
मैं कमाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया,
खाटू श्याम ने किया कमाल…..