फागण का चढ़ा रंग जिसमे दुनिया रंगी है
भक्तों के संग झूम रहे श्याम धणी हैं
लगते है बड़े प्यारे जो आएं श्याम द्वारे
केसर से हैं नहाएं यहाँ श्याम प्रेमी सारे
भक्त और भगवन के मिलान की घडी है
भक्तों के संग झूम रहे श्याम धणी हैं
फागण का है महीना एकादशी की दिन
सारे भक्त हो गए हैं मेरे सांवरे में लीन
सब मस्त हैं मस्ती में जैसे भंग चढ़ी हैं
भक्तों के संग झूम रहे श्याम धणी हैं
युपी सुनील आया अरदास मन में लाया
अब रंग लो अपने रंग में कहने ये तुमसे आया
रोहित मनीष जाने सबकी बिगड़ी बनी है
भक्तों के संग झूम रहे श्याम धणी हैं