हम जबसे खाटू जाने लगे खुशियों के बादल छाने लगे,
मेरी ये ज़िंदगी बदल सी गई,
पत्थर से भी जयदा सस्ती थी,
अपनों की आँखों में चुबती थी,
जग वाले भी मुझपे हस्ते थे बेबस वेचारा समझते थे,
लेके उनके कर्म टूटे सारे ब्रहम अपना कहने में भी अब तो आती शर्म,
हम जब से श्याम को मानने लगे दिल की उनको सुनाने लगे,
मेरी ये ज़िंदगी बदल सी गई.......
पग पग पे रस्ता दिखाया है अनमोल हमको बनाया है,
गुम नाम थे हम तो बरसो से दुनिया में नाम दिलाया है,
इनका उपकार है सुखी परिवार है इनकी रेहमत से ही जीवन गुलजार है,
हम जबसे श्याम श्याम गाने लगे चौकठ पे सिर को झुकाने लगे,
मेरी ये ज़िंदगी बदल सी गई.......
दुःख में भी आंसू टपकते ते थे खुशियों में भी अब ये बहते है,
बाबा की फूल किरपा मुझपे अब तो यही सब कहते है,
श्याम गौरव मेरा मेरी पहचान है मेरा सम्मान है मेरी मुश्कान है,
हम जबसे गुणगान गाने लगे भक्ति में खुद को रमाने लगे,
मेरी ये ज़िंदगी बादल सी गई,