फूल कलकत्ते से मंगवाए ऊपर इतर खूब लगाये,
हाथ में उठा लिया प्यारा निशान भगत रींगस से गेल्या आये,
श्याम का भगता गले में पटका चेहरे में लाली,
जय श्री जय श्री श्याम पुकारे श्रद्धा से लावे जैकारे सेठानी खाटू में चाली,
चेहरा ऊपर नखरा न्यारा लगन श्याम की लागि,
श्याम नाम जपते जपते खाटू के मैं आगि,
लगी फूल चरण की धूल आज मैंने माथे पे लाली,
जय श्री जय श्री श्याम पुकारे श्रद्धा से लावे जैकारे सेठानी खाटू में चाली,
हारे के सहारा श्याम से चरना के माँ लूटी,
ढूंढे ऊपर पर जय जय कारे लावे चोटी
श्याम का नाम जपे निस नाम सुरति बाबा में ला ली,
जय श्री जय श्री श्याम पुकारे श्रद्धा से लावे जैकारे सेठानी खाटू में चाली,
ऐसी मस्ती चढ़ी दास में सब चाहे मैं भूली,
छोड़ दियां मोह दुनिया का ऐसी भजन में डूबी,
लेके माला ये सतराना दुविद्या मन की सब टाली,
जय श्री जय श्री श्याम पुकारे श्रद्धा से लावे जैकारे सेठानी खाटू में चाली,
अशोक भगत ने रोकी न बाबा की हुई दीवानी,
खाटू के मंदिर में सुनीता ज्योत जगावे नूरानी,
सब को चावे खूब रिजावे श्याम मैं खाया या खानी ,
जय श्री जय श्री श्याम पुकारे श्रद्धा से लावे जैकारे सेठानी खाटू में चाली,