फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार,
चलो चला पा खाटू धाम,
सहज धज कर के बेठियो म्हारो बाबो श्याम,
भर पिचकारी लेके हाथ में निशान
चलो चला पा खाटू धाम,
चंग नगाड़ा भाज रहा संग में हॉवे धमाल,
भगता बीच में सतरंगी म्हारो बाबा कर रहो कमाल
फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार,
चलो चला पा खाटू धाम,
माहने रंग दे सांवरिया मैं रंग दू थाने,
थारे ही रंग में रंग जावा थारी प्रीत लगी माहने,
फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार,
चलो चला पा खाटू धाम,
बन संवर के बैठो सांवरियो बन्दो सो इत लावे,
गजब करो शृंगार थाने नजर न लग जावे,
फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार,
चलो चला पा खाटू धाम,
राधिका केहवे मोर छड़ी सु विपदा दूर भगावे है,
वारे न्यारे कर देता फागुन में जो खाटू आवे है,
फागुन को आग्यो आग्यो जी त्यौहार,
चलो चला पा खाटू धाम,