मोरछड़ी के हमने बाबा देखे चमत्कार है,
जिस पे किरपा हो जाए तेरी उसकी नैया पार है,
झाड़ा प्यारे मोर छड़ी का जिसको श्याम लगाता है,
रोग कष्ट सब मिट जाते है जिसको दर पे बुलाता है,
सेठो का है सेठ संवारा बाबा लखदातार है,
जिस पे किरपा हो जाए तेरी उसकी नैया पार है,
बड़े बड़े दानी महादानी दर पे शीश झुकाते है,
इक नहीं दो चार हजारो आप से मांग के खाते है,
क्या राजा क्या रंक भिखारी सब का पालनहार है,
जिस पे किरपा हो जाए तेरी उसकी नैया पार है,
मेरी क्या औकात सँवारे तुझको जो मैं दे पाउ,
चले गुजारा तुझसे मेरा तेरा ही मैं गुण गाऊ,
चहल दीवाना चाकर तेरा बन गया सेवा दार है,
जिस पे किरपा हो जाए तेरी उसकी नैया पार है,