बात समझ में आई अब हमारी झूठी है सारी दुनिया दारी,
और न लो अब परीक्षा हमारी ,
आये शरण अब प्रभु हम तुम्हारी,
मैं मेरा का भ्रम अब है टुटा,
समय ने किया सब रिश्ता ये झूठा,
मोह माया में मती गई मारी,
आये शरण अब प्रभु हम तुम्हारी,
जिनपे भरोसा करके समजा था अपना,
टुटा भ्रम सारा मिथ्या का सपना ,
मतलब की थी सब की यारी ,
आये शरण अब प्रभु हम तुम्हारी,
चंचल मन ने बहुत नचाया धन ही कमाने का लक्ष्य बनाया,
चैन गया उडी नींद वेचारी,
आये शरण अब प्रभु हम तुम्हारी,
अंतिम आशा भरो साथ तिहारा,
थक गया हु चहु और से हारा,
दृष्टि दया की करो मंगल कारी,
आये शरण अब प्रभु हम तुम्हारी,