मस्त मलंग रे मस्त मलंग रे मस्त मलंग मेरा भोला,
इक अजब नशा सा इक गजब नशा सा भोले तेरी भगती में,
पडा रहू तेरे चरणों में पी के भंग मस्ती में,
तुझमें ही खो जाऊ भोले पहन के भगवा चोला,
मस्त मलंग रे मस्त मलंग रे मस्त मलंग मेरा भोला,
बम भोले तेरी मस्ती में चूर हु,
क्या सुरु से नशा तेरी भगती में तेरी मस्ती में
खोया रहू मैं सारी रात भोले दे दर्शन न दिखावे पाठ,
ना और बात मेरे मन में,
तू ही रास तन मन में भोले भांग का लोटा और साथ में चिलम,
बोलू बम बम भोले मार ले न दम
हम साथ तेरे संग तेरे डमरू ने,
भजा दे आज न और कोई साझ
दिखा दे आज तेरी शक्ति ने मेरी भगती ने करले एक्सेप्ट ना और कोई टेट होजा मस्त,
मस्त मलंग रे मस्त मलंग रे मस्त मलंग मेरा भोला,
डम डम डमरू जब भी भाजे भुत प्रेत सब डर के बाजे,
सारे भरमांड में हो रहा सु तेरे नाम का रोला,.
मस्त मलंग रे मस्त मलंग रे मस्त मलंग मेरा भोला,