आया हूँ शरण में तेरे दधिमथी माँ
दधिमथी माँ मेरी कुल देवी माँ,
आया हूँ शरण में तेरे दधिमथी माँ
घोठीमंगलो में प्रगति माँ जगदम्बे भवानी,
कपाल कुंड की महिमा मैया सारे जग ने जानी,
अधर खंड भी मैया तेरे मंदिर की है शान,
आया हूँ शरण में तेरे दधिमथी माँ
सच्चे मन से जो भी भगतो माँ के द्वारे आता है,
अन धन से भंडार है भर्ती जो नित शीश निभाता है,
दूध से जो अभिशेषक है करते बनते बिगड़े काम,
आया हूँ शरण में तेरे दधिमथी माँ
दादी चौथी कुल देवी मेरी मैया आंबे भवानी है,
सुख दुःख में मेरे साथ है रहते माँ जग की कल्याणी है,
सब भगतो का तेरे चरणों में लाखो लाख परनाम,
आया हूँ शरण में तेरे दधिमथी माँ