मंदरिये में आके थारे संवारा

मंदरिये में आके थारे संवारा जाने को मन को न करे,
देवरइये में आके थारे संवारा जाने को मन को न करे

देशी घी को खानो बाबा धनो म्हाने भावे है,
खाने में बाबा म्हणे स्वाद घणो आवे है,
पेट भर जावे महारा संवारा पर मन म्हारो को न भरे,
मंदरिये में आके थारे संवारा जाने को मन को न करे,

ग्यारस ने बाबा थारी हाजरी बचावा हां सुभम रूपम के सागे भजन सुनावा हां,
जागा मैं तो सारी सारी रात पर सोने को मन क्यों न करे,
मंदरिये में आके थारे संवारा जाने को मन को न करे,
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