रखवाला मेरा श्याम धणी मुझे डर ने की क्या बात,
मेरे सिर पे हर दम रहता श्याम धनि का हाथ,
चाहे आये कितनी मुसीबत मैं तो नहीं गबराता हु
हर पल मैं तो संवारिये को अपने पास में पाता हु
दुःख संकट की अब तो देखो है नहीं कोई औकात,
मेरे सिर पे हर दम रहता श्याम धनि का हाथ,
जबसे पकड़ा हाथ मेरा मैं मस्त मगन में रहता हु
खुशिया ही खुशिया जीवन में श्याम श्याम मैं कहता हु,
होली और दीवाली मेरी अब तो है बारो माह,
मेरे सिर पे हर दम रहता श्याम धनि का हाथ,
तेरे भगत का तुमसे कहना साथ कभी ये छूटे न,
दुनिया चाहे रूठे सारी श्याम कभी तू रूठे न,
चरणों में तेरे सुनील दया की अब है ये अरदास,
मेरे सिर पे हर दम रहता श्याम धनि का हाथ,