खाटू धाम जो आता है किरपा श्याम की पाता है ,
सुख के हीरे मोती दामन में भर कर जाता है,
खाटू धाम जो आता है किरपा श्याम की पाता है ,
दुःख कट ता है मोरछड़ी के झाड़े से लग जाने से,
मिलता है वरदान श्याम के आगे शीश जुकाने से,
बन जाता है राजा जो भी दामन को फहराता है,
खाटू धाम जो आता है किरपा श्याम की पाता है ,
सच्ची श्रद्धा रखने वाले श्रद्धा का फल पाते है
ग्यारस उनका नहीं छूटता दर पे श्याम बुलाते है,
किस्मत वाला परशाद उनका ग्यारस के दिन पाता है,
खाटू धाम जो आता है किरपा श्याम की पाता है ,
और न कुछ भी देखु गी ये दीद हमेशा कहती है,
श्याम धनी के दर्शन को आंखे लाला इक रहती है
खाटू धाम के आ जाने पर चैन इन्हे मिल जाता है ,
खाटू धाम जो आता है किरपा श्याम की पाता है ,