कान में कुडंल, गले वैजयंती,हाथ भालो सोवे
थारे सिर पर मुकूट हे प्यारो बापजी भक्ता रो मन मोवे
मास भादवो आयो पैदल सब नर नारी जावे है
मन माई बाले खम्मा खम्मा थारी जयजयकार लगावे है
जो ले इच्छा मन मे आव सब री पुरी होवे
थारे सिर पर.....
आधलिया ने आख्या देवो पागलिया ने पाव जी
दुखिया रा दुख दुर करो थे सुख री कर दो छाँव जी
राम सरोवर रो पाणी सगला ही पाप धोव
थारे सिर पर......
मरूधर री धरती मे आया रूणिचो पुजवायो है
खाजुवाले रे मामराज थारो प्यारो भजन बनायो है
महक मीर ने थारो आसरो थारी बाटा जोव
थारे सिर पर.....