बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले,
मोटे मोटे नैना है काले काली काली काजल है डाले,
केश लटके हुए धुंघराले,
बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले,
शीश मुक़्त सूंदर देखो चमके,
हीरे पने फुखराज चमके,
ऊचे मस्तक की शोभा अनोखी केसर चंदन की खुशबु अनोखी,
गेंदा गुलाबो को मालाये बैठे है गले में डाले,
बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले,
मोटे नैना मोटे पलक है हर्ष रहे सब देखो अलख है ,
देखो कनक के है कानो में कुण्डल माथे पे ये खाये अटल है,
शीश के दानी श्री श्याम हमारे कितने भोले भाले ,
बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले,
खाटू का देखो तो नजारा सज रहा मंदिर कितना है प्यारा,
फूलो से सजे बाबा की नगरी मानो स्वर्ग धरती पे उतारा,
जय हो तेरी खाटू के राजा जय हो खाटू वाले,
बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले,