तुझको जाना तुझको माना,
तेरे चरणों में अपना सिर झुकाना,
वो तेरी नजर मुझे छू ले अगर,
फिर मुझको क्या है खोना क्या पाना,
फिरता रहा मैं दर बदर क्यों इतना था मैं बेखबर,
तुझसे अब दूर कैसे रहु,
आता नहीं अब मुझको कुछ नजर,
यही सच है तू ही सच है हरे कृष्णा
तेरी मुरली तेरी वो हसी कर बैठी जिस पर मैं इतवार,
तेरा बचपन तेरा यौवन हो गयी जिस पर मेरी जान निशा
तेरा होना राधा का साथ दीखता है मुझको हर जगह वो प्यार,
तू बन जाए मेरा हो जाए करने मेरे जीवन का उधार,
यही सच है तू ही सच है हरे कृष्णा