मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,
जिसे ठुकराया सारे संसार ने उसे पलको पे अपने बिठाया श्याम ने,
मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,
जब हो गया खिलाफ ये जमाना था,
ना थी कान्हा था न जीने का बहाना था,
हर अपना भी बना बेगाना था,
अब अपना हाथ बढ़ाया श्याम ने ,
मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,
मुझे पूरा है भरोसा तेरा सँवारे,
तेरे होते न दुबे गी मेरी नाव रे,
मेरी जिंदगी की हर इक दाव रे,
आके हारी हुई बाजी को जिताया श्याम ने,
मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,
मुझपे किरपा तेरी भरपूर है,
तू पास है तो गम कोसो दूर है,
जो भी माँगा मुझे मिला वो जरूर है,
मुझे खाली नहीं कभी भी लुटाया श्याम ने,
मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,
तेरे बिन क्या है मेरी औकात रे,
जैसे चाँद के बिना हो कोई रात रे,
रहना सँवारे सदा तू मेरे साथ रे,
माधव मेरी प्रीत को निभाया श्याम ने,
मुझे जब से है अपना बनाया श्याम ने,
मेरी जिंगदी को रंगो से सजाया श्याम ने,