श्याम सपनो में आता क्यूँ नहीं ।
प्यारी सूरत दिखाता क्यूँ नहीं ॥
मेरा दिल तो दीवाना हो गया ।
मुझे सूरत दिखाता क्यूँ नहीं ॥
मेरे नैयनो में सूरत श्याम की ।
मुझे दिल से लगाता क्यूँ नहीं ॥
सादियो से भटक रहा दर दर पर ।
मुझे दर पर बुलाता क्यूँ नहीं ॥
तेरे प्यार का आधा पागल हूँ ।
पूरा पागल बनता क्यूँ नहीं ॥