शेर पे होक सवार हो मैया शेरावाली आई है,
ऊचे पर्वत भवन निराला उस पे माँ का रूप है प्यारा,
भक्तो को दर्शन देने आज मैया वैष्णो रानी आई है
पीला शेर तेरा लाल सिंगारी भक्तो को माँ लागे प्यारी,
करके सोला सिंगार ो मैया दुर्गा माई आई रे,
शेर पे होक सवार हो मैया शेरावाली आई है,
सच्चे मन से ज्योत जलाओ माता रानी को मन से बुलाओ,
दर्शन देने आज मैया ज्योति वाली आई रे,
शेर पे होक सवार हो मैया शेरावाली आई है,
नीम की चैया में तुम माँ विराजे,
दही चना है मैं तुझको साजे,
भगतो को देने प्यार,
मैया शैताला माई आई रे,
शेर पे होक सवार हो मैया शेरावाली आई है,