सुनरी राधा बरसाने की तू बात मान ले कान्हा की,
व्याह करवाउ तुम संग ही ये मेरा वादा है,
मुझको बतला दे हे राधा क्या तेरा इरादा है,
मैं बरसाने की चोरी हु तू कालो मैं गोरी हु,
चिकनी चुपड़ी बातो में हाय मैं ना आउंगी,
इक माखन चोर ग्वाले से ना व्याह करवाउंगी,
मैं ग्वाला हु मैं काला हु पर नन्द बाबा का लाला हु,
तुझको दिल दे बैठा मेरी जान तू राधा है,
मुझको बतला दे हे राधा क्या तेरा इरादा है,
बेहलाओ न फुस्लाओ न यु पास मेरी तुम आओ न,
तनी शरारत करो न नन्द बाबा से पिट वाउगि,
इक माखन चोर ग्वाले से न व्याह करवाउंगी,
ना जा राधे तू आ राधे ना ज्यादा मुझे सत्ता राधे,
तेरे बिन एह राधे मेरा नाम भी आधा है,
मुझको बतला दे एह राधे क्या तेरा इरादा है,
तू छलिया है तू चोर है गोकुल में तेरा शोर है,
सांझ हो गई अब घर को मैं वापिस जाउंगी,
इक माखन चोर ग्वाले से न व्याह करवाउंगी,