मत कर जोर जोरी संवारे देदो चुनरिया मोरी,
माँ तू यशोदा से कह दूंगी बात ये तोरी,
मटकी फोड़ी मैं कुछ नही बोली,
क्यों करता है मुझसे ठिठोली,
पनघट जाने से डरती हु,
मैं ब्रिज की इक गोरी,
संवारे देदो चुनरिया मोरी,
मोहे पकड़ मोरी बहिया मरोड़ी कुञ्ज गलिन में की भर जोरी,
बहुत सह चुकी अबकी तो संग ना खेलु गी होली
संवारे देदो चुनरिया मोरी,